Friday, April 1, 2016

अंग के प्रसंग रंग, रंग मोहे अंग अंग (होली गीत )

अंग के प्रसंग रंग, रंग मोहे अंग अंग
रंगे  है अबीर लाल, भीग बादलों के संग

होली खेले बजरंग, सीता माई संग संगे
रघु ले कर गुलाल, देखे नार का हुरदंग

भांग चढ़े मंद मंद, दिल सिंचते हैं संग
हुल्लड़ की टोलियों में, भीग संग अघ-नंग

अंगद रावन खींच, सख्त बाजुओं में भींच
भीगी  तरंग पे अंग, लंका भई सतरंग

ख्वाइशें पी आयीं भंग, मालपुए कश संग
चीथड़ों से दिख रहे, तेरे गुम अंग नंग

लक्षमन ढके अंग, सुरपंखा  करे तंग
जोबन से तंग अंग, लचके कमर संग

देसी औ विदेसी मेमे, होली सब एक संग
अहीरों के नर-नार, रंगे ठाकुरों के संग

होली खेले बजरंग, सीता माई संग संगे
रघु ले कर गुलाल, देखे नार का हुरदंग

~ सूफी बेनाम


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