Sunday, May 1, 2016

हाथ थामे ये सफर कट जायेगा

बह्र 2122 2122 212

गिरह देखिये :
जब किसी  महफ़िल गुमाँ आजायेगा
पत्थरों को और भी पथरायेगा

मतला:
भीड़ में रस्ता तभी मिल पायेगा
हाथ थामे ये सफर कट जायेगा

आफताबों से झुलस कर शाम तक
दिल किसी भी चाह पे सरमाएगा

आ सको तो आ भी जाओ सनम
काफिला रूमान से लद जाएगा

उस गली या इस गली में प्यार की
आप का एक दिन पता मिल जायेगा

अब तड़प रहती नहीं है यार की
मजलिसों से काम चल ही जायेगा

दिल जवानी और आशीकी स डर
बा खुदा मौसम बहारें लाएगा

~ सूफ़ी बेनाम

सरमाया - property/ ownership .


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