एक बार का सौदा है तारीख बदलने का
हर बार तुमे रोका तकसीर संभलने का
काजल की कोरों पे क्यों उल्झा ये सफर लम्बा
शायद न रहे आसां अंदाज़ मचलने का
हमराज़ अगर बन जा कुछ और कहें हम भी
एक राज़ दीवानों का कुछ साथ पिघलने का
बातें ही रही उलझा महसूस नहीं है कुछ
उम्मीद बना बैठे कुछ ख्वाब सफ़ीने का
हर बात पे लड़ती है कट-खैनि ग़ज़ल है वो
कुछ प्यार उमड़ने दे दिन साथ गुजरने का
~ सूफ़ी बेनाम
221 1222 221 1222
हर बार तुमे रोका तकसीर संभलने का
काजल की कोरों पे क्यों उल्झा ये सफर लम्बा
शायद न रहे आसां अंदाज़ मचलने का
हमराज़ अगर बन जा कुछ और कहें हम भी
एक राज़ दीवानों का कुछ साथ पिघलने का
बातें ही रही उलझा महसूस नहीं है कुछ
उम्मीद बना बैठे कुछ ख्वाब सफ़ीने का
हर बात पे लड़ती है कट-खैनि ग़ज़ल है वो
कुछ प्यार उमड़ने दे दिन साथ गुजरने का
~ सूफ़ी बेनाम
221 1222 221 1222
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