बहारों के नहीं होते नज़ारों के नहीं होते
बड़ी किस्मत लिखाते लोग रिश्तों के नहीं होते
बड़ा बेचैन सागर है शरारत सोज़ लहरों की
सनम तेरी महोब्बात हम किनारों के नहीं होते
सभी आँखों नहीं होते सवेरे रोज़ की आदत
कभी इस धूप के साये हज़ारों के नहीं होते
ग़ज़ब ये ख्याल के साये हमारी रात की ग़ज़लें
हकीक़त दर बदर फिरती फसानों के नहीं होते
जवां रातों की हसरत पर तुमारी शोख सिलवट है
हमारे दीन भी अकसर कभी सपनों के नहीं होते
कभी जो गाँव बसते थे कदम उनके निशानों पे
सड़क अब तेज़ चलते है बसेरों के नहीं होते
छुपे थे भीग चिलमन में दरीचों के सहारे से
अगर तुम हौसला रखते दिखावों के नहीं होते
तुमें क्यों साथ चलना है हकीक़त की ज़ुबाँ बन कर
धड़कते मौसमों के संग खिज़ाओं के नहीं होते
ज़रा सा सीख लेते तुम इसी दिलकश पहेली से
फलक के साथ जीते जो नतीजों के नहीं होते
कभी मेरी नफ़स समझो कभी इसकी वजह समझो
चलो ले कर महोब्बत को ज़ख़ीरों के नहीं होंगे
तुमारे साथ चलना था सफर के पैर लम्बे कर
इशारों की जुबां समझो जुनूनों के नहीं होंगे
~ सूफी बेनाम
बड़ी किस्मत लिखाते लोग रिश्तों के नहीं होते
बड़ा बेचैन सागर है शरारत सोज़ लहरों की
सनम तेरी महोब्बात हम किनारों के नहीं होते
सभी आँखों नहीं होते सवेरे रोज़ की आदत
कभी इस धूप के साये हज़ारों के नहीं होते
ग़ज़ब ये ख्याल के साये हमारी रात की ग़ज़लें
हकीक़त दर बदर फिरती फसानों के नहीं होते
जवां रातों की हसरत पर तुमारी शोख सिलवट है
हमारे दीन भी अकसर कभी सपनों के नहीं होते
कभी जो गाँव बसते थे कदम उनके निशानों पे
सड़क अब तेज़ चलते है बसेरों के नहीं होते
छुपे थे भीग चिलमन में दरीचों के सहारे से
अगर तुम हौसला रखते दिखावों के नहीं होते
तुमें क्यों साथ चलना है हकीक़त की ज़ुबाँ बन कर
धड़कते मौसमों के संग खिज़ाओं के नहीं होते
ज़रा सा सीख लेते तुम इसी दिलकश पहेली से
फलक के साथ जीते जो नतीजों के नहीं होते
कभी मेरी नफ़स समझो कभी इसकी वजह समझो
चलो ले कर महोब्बत को ज़ख़ीरों के नहीं होंगे
तुमारे साथ चलना था सफर के पैर लम्बे कर
इशारों की जुबां समझो जुनूनों के नहीं होंगे
~ सूफी बेनाम
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