दिले नादान बहकाए गए हैं
हसीं हरदम सितम ढाए गए हैं
जिगर को लूटना आदत जिने है
न रंगे हाथ पकड़ाए गए हैं
सफर एक दौर शरारत ज़िन्दगी का
किसी को आँख पथराए गए हैं
ज़रा दिन की हकीकत हम से पूछो
न जाने रात क्यों साए गए हैं
रहेगा हौसला नज़दीकियों का
करीबी आज भरमाए गए हैं
बहुत बे-पर इरादे आसमां के
सभी बेनाम दफनाए गए हैं
~ सूफ़ी बेनाम
हसीं हरदम सितम ढाए गए हैं
जिगर को लूटना आदत जिने है
न रंगे हाथ पकड़ाए गए हैं
सफर एक दौर शरारत ज़िन्दगी का
किसी को आँख पथराए गए हैं
ज़रा दिन की हकीकत हम से पूछो
न जाने रात क्यों साए गए हैं
रहेगा हौसला नज़दीकियों का
करीबी आज भरमाए गए हैं
बहुत बे-पर इरादे आसमां के
सभी बेनाम दफनाए गए हैं
~ सूफ़ी बेनाम
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