पलाश के फूल को जब भी देखता हूँ तो एक जंग की याद आती है।
पलाशी की ऐतिहासिक लड़ाई को नाम पलाश के खिले जंगलों से मिला
पलाश का फूल जिसका रंग आसमान को आग की तरह रंगता है उसपे एक रचना :
गेसुओं में जो खिल रहा है रंग लाल आग सा
दमक रहा है आसमां में वो रक्त था पलाश सा
इसी तुण्ड के जंगलों में शहीद थे कही हज़ार
ओ मातृ तेरे लाल का रक्त खिला पलाश सा।
~ सूफी बेनाम
पलाशी की ऐतिहासिक लड़ाई को नाम पलाश के खिले जंगलों से मिला
पलाश का फूल जिसका रंग आसमान को आग की तरह रंगता है उसपे एक रचना :
गेसुओं में जो खिल रहा है रंग लाल आग सा
दमक रहा है आसमां में वो रक्त था पलाश सा
इसी तुण्ड के जंगलों में शहीद थे कही हज़ार
ओ मातृ तेरे लाल का रक्त खिला पलाश सा।
~ सूफी बेनाम
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