Monday, December 14, 2015

तेरे लब से चाहतों का खुलासा नहीं मिला


इन हसरतों को कोई  दिलासा नहीं मिला
तेरे लब से चाहतों  का खुलासा नहीं मिला

मेरा चेहरा मुझको आइना दिखने लगा है क्यों
तक़सीर को हकीक़त-ए-तमाशा नहीं मिला

गुम-सुम से पूछते हैं बाम-ओ-दर फिर-फिर
तू कौन है जिसको मेरा ठिकाना  नहीं मिला

वो मिल के बिछड़ने का जज़्ब आम बात है
मिल-मिल के बिछड़ने का नमूना नहीं मिला

नसमझियों की सर्द को सूफियत का भरम
बेनामी के रिश्तों को कुहासा नहीं मिला
~ सूफी बेनाम


तक़सीर - error/ crime/sin , बाम-ओ-दर- roof and terrace, कुहासा - fog



कुहासा - fog ; तक़सीर - sin.

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