Wednesday, September 28, 2016

बीज कई परतों में दबाया हुआ है

अब सस्य के समूचेपन को समझो
बीज कई परतों में दबाया हुआ है


रस लदे यौवन का सौंधा-पन उड़ेले
सूखती शाखों पे फल छाया हुआ है


एक प्रकार को सजी बाहरी बनावट
उत्तेजना से उम्र भर ज़ाया हुआ है


बढ़ता आ गया फसल का मौसम
फलों ने दरख़्त को झुकाया हुआ है


न वृक्ष-डाल, न पात-साधना फल
वृक्ष ने नाम फल का पाया हुआ है

चेतना के अनु-कण बीज-धारण
जड़ों का फैलावा माया हुआ है


अब सस्य के समूचेपन को समझो
बीज कई परतों में दबाया हुआ है


सृष्टि में पैदा हुए कई  बेनाम जंगल
तर्क-औचित्य का फल आया हुआ है
~ सूफ़ी बेनाम





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