Sunday, September 18, 2016

सीले तौलियों में सौंधापन पसीने का

सीले तौलियों में सौंधापन पसीने का
कागज़ अपना कोरापन छोड़ कर
हम-सुखन हर्फ़ों से गहरा हुआ
हज़ार बातें सुन कर ब्लैक-बेरी
मोबाइल फ़ोन बहरा हुआ ,
फाइल से झांकते टैग लगी पुर्जियां कागज़,
संतुलित एक सूक्ष्म-शून्य ठहरा हुआ,
बिखरी किताबें, स्पाइरल गुदे ड्राफ्ट्स,
येलो-स्ट्रिप्स पे लिखे काम,
लोगों के नाम,
हज़ार भूलें, गलतियां, नुक्ते , अंगुलियां,
लैपटॉप, प्रिंटर, पेन , पेंसिल, पब्लिशर,
गिफ्ट मिला मफ़लर, अनामिका-तर,
मल्टीविटामिन, त्रिफला,
थालियां, बोतलें, बैग,ज़मीं बिछा गद्दा,
चद्दर , ए.सी., तकिया,
स्टडी की छत से गलतियों को घेरकर
छलांग लगते 2B पेंसिल के एरोस चुभोकर,
री -सायकिलड पेपर्स की गड्डियां
फटे लिफाफों पे लिखी चिट्ठियां,
ब्लड रिपोर्ट्स और जिम में बातें
घण्टों की लाल सफ़ारी ,
सौंदर्य लहरी,
सच तले रुन्दते बेहिसाब झूठों की सिसकियाँ
काक चष्टा, झूठी थालियां,
सब सिमट गए 177 पन्नों के कूचे में बेलगाम
पोइसिस सफ़र पहला कदम बेनाम।


~ सूफ़ी बेनाम





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