रात धुली है, दिन चढ़ेगा,
फिर वही आलम पुराना ..
शाम तक दम तोड़ देगा
क्यों बेसब्र हो रहे हो ?
नाम रखके क्यों चले हैं ,
यह मैला चोल पुराना
कल कहीं साथ छोड़ देगा
क्यों बेसब्र हो रहे हो ?
सज रहा है फिर से देखो
आसमा में तूफानी बहाना
विनाश का यह रंग पुराना
क्यों बेसब्र हो रहे हो ?
तुमने जो तिनके बटोरे
राह बिखरे फूल गॊये
एक मंदिर पर सब साथ छोड़ देगा
क्यों बेसब्र हो रहे हो ?
राहगीरों को रिश्तॊ का नाम दे
जीने का बहाना पुराना
फिर तुम्हारा दिल तोड़ देगा
क्यों बेसब्र हो रहे हो ?
~ सूफीबेनाम
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