Thursday, April 25, 2013

क्यों बेसब्र हो रहे हो ?



रात धुली है, दिन चढ़ेगा,
फिर वही आलम पुराना ..
शाम तक दम तोड़ देगा 
क्यों बेसब्र हो रहे हो ?

नाम रखके क्यों चले हैं ,
यह मैला चोल पुराना 
कल कहीं साथ छोड़ देगा 
क्यों बेसब्र हो रहे हो ?

सज रहा है फिर से देखो 
आसमा में तूफानी बहाना 
विनाश का यह रंग पुराना 
क्यों बेसब्र हो रहे हो ?

तुमने जो तिनके बटोरे 
राह बिखरे फूल गॊये 
एक मंदिर पर सब साथ छोड़ देगा 
क्यों बेसब्र हो रहे हो ?

राहगीरों को रिश्तॊ का नाम दे 
जीने का बहाना पुराना 
फिर तुम्हारा दिल तोड़ देगा 
क्यों बेसब्र हो रहे हो ?

~ सूफीबेनाम 


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