Thursday, February 16, 2017

अब न ये मौका गवाना चाहिए

वज़्न - 2122 2122 212
अर्कान - फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन
बह्र - बहरे रमल मुसद्दस महज़ूफ़

काफ़िया - आना
रदीफ़ - चाहिए

गिरह:
उम्र को महसूस करना हो अगर
ज़ख्म कोई फिर पुराना चाहिए

मतला:
लम्स को शादाब छाना चाहिए
अब तो कुछ नज़दीक आना चाहिए

पर कहो इस उम्र में हो क्यों मिले
अब तो घर को ही बसाना चाहिए

उलझने क्यों बढ़ रही जानेजिगर
वस्ल की हद को निभाना चाहिए

मनचली आवारगी का दौर है
अब न ये मौका गवाना चाहिए

आइये गर शौक इतना अब तलक
पर वही आतिश पुराना चाहिए

आलसी होने लगे हैं मुद्दई
आपको दावा लगाना चाहिए

खूबसूरत ओंठ नाज़ुक अंगुलिया
कुछ तो हम पर भी गंवाना चाहिए


आप के चहरे पे उलझन औ फ़िक्र
आपको एक पेग लगाना चाहिए


ज़िन्दगी गर नाम दे जाये अगर
मौत तक बेनाम जाना चाहिए

~ सूफ़ी बेनाम


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