Friday, March 4, 2016

है बहुत शौकीन दिल मेरा सुनो

गिरह:
है बहुत शौकीन दिल मेरा सुनो
मुस्कुरा दो अब ज़रा सा धड़कनो

मतला :
ऐब होती है हकीक़त दोस्तों
झूठ के किस्से हज़ारो दोस्तों

मैं अगर दो झूठ कह दूँ प्यार से
तुम उन्हें सच समझना दोस्तों

प्यार की दो कीमतों का दौर है
तुम अपना मोल रखना दोस्तों

रात जो किस्से अधूरे बेरहम
ख्वाब है अब ये उजाले दोस्तों

आज हम भवरों से सीखें ज़रा
गुल के राज़ समझना दोस्तों


मतला :
दिल को तुम ज़ख्म देना दोस्तों
उनको अपना नाम देना दोस्तों

आज पानी में लगी फिर आग है
आज हमसे दूर रहना दोस्तों

तीर बन कर जिस्म में मेरे सनम
धड़कनों की हद्द बनना दोस्तों

कोई गीतों को लिखेगा प्यार से
ज़िन्दगी का ये सबब था दोस्तों

जिस्त जिनका हो रहा था नम कहीं
अब नहीं तड़पेंगे शायद दोस्तों

ज़ख्म चाहे दो हमें फिर प्यार से
दूर से खिलवाड़ करना दोस्तों

शाम का मिसरा ज़रा रूमान था
रात तक ले कर गया था दोस्तों

पलट कर जो आ गये हो आज भी
प्यार मत दुश्नाम करना दोस्तों

बुत समझे ना मेरी बेनामियां
कुछ तो सरगर्मियां हो दोस्तों
~ सूफी बेनाम




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