Thursday, June 30, 2016

जूलिएट का कमरा

अाभूषण, इत्र, चूड़ियां,
खुले संदूकों मे साल तमाम
चप्पलें, रेशम, कंगन,
चेन, रंग, रोगन, रूज़, रूमल, एहतराम
बोर, सिंदूर, संदल, अलत्रक,
साड़ीयां, अंजन, किमाम
मखमली-अंगिया,
रंगे हुए कपास के फाहे गुलफ़ाम
एक लदी  हुई खुली अलमारी
बिस्तर से ड्रेसिंग टेबल तक बिखरे कपड़े गुमनाम
भ्रम, व्याकुलता और अस्वीकृति का समागम
इत्र झुलसे अक्स की लद्दर गुलाम
अईनो पर चिपकी कस्तूरी अांधियों मे
चमकती बिंदियों की चांदनी इकराम
जाफरान गुलाब और खस के  सहलाब मे
बेला के गजरे की बेड़ियों के अंजाम
ऊब जाता हूँ  खुद मे रहता हूँ अगर
सफेद कुर्तों, साफ कागज़ मे हज़ार इल्ज़ाम
कुछ नही है मंज़ूम  ज़िंदगी मे
सादगी है मेरी बेनाम, बस एक खाली नियाम

~ सूफ़ी बेनाम




नियाम - sheath of a weapon, मंज़ूम  - organized, arranged in order, इकराम  -  kindness, honour , गुलफ़ाम - red-coloured, अलत्रक -rose-bengal ,  अंजन - antimony/ surma / eye-shades

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