Friday, May 6, 2016

खाता अब तो पुराना कर लो

अधरों की  तूफानी रातें
सपनों को पैमाना कर लो

हम में अपना साया भर के
शामों को दीवाना कर लो

माना तुम कुछ छोटे हो पर
सीने को सिरहाना कर लो

आँखों की भीगी परतों पर
काजल से भरमाना कर लो

भटका दर -दर सूना सपना
खाता अब तो पुराना कर लो

रिश्तों में अब कुछ रस भर के
आहों को सालाना कर लो

बातें छोटी छोटी दिल की
प्यारा सा याराना कर लो

खाली पीली की ये बातें
छूंछा बरतन पाना कर लो

भरना हो गर खाली मन को
दिल को फिर वीराना कर लो

दीवानी कुछ रातें लेकर
प्यासा मन पहचाना कर लो

कुछ कहना हो तो कह लो तुम
मत जीवन को बेगाना कर लो

~ सूफ़ी बेनाम


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