Sunday, May 22, 2016

देर सवेर

अचरज नहीं तुम बदल गये हो
सारी-बातें मीठे-वादे भी बिसरे हो
देर सवेर भीनी सी यादें में आकर
दिल छूकर भावमय कर देते हो


~ सूफ़ी बेनाम 

No comments:

Post a Comment

Please leave comments after you read my work. It helps.