ना मोहब्बात में रहते तुम्हारे ख़ुदा
ना ही इंसा को मिलते हमारे खुदा
रश्क़ इंसा को इंसा से इस-कदर रही
कि सूझा नहीं कैसे गुज़ारे खुदा
रईसों की नख़वत में उतनी ही थी
जितनी गरीबी असीरी बसारे खुदा
तेरे दिल के दरीचे पे टूटे सनम
प्याले मिट्टी थे ऐ कुम्हार-ए खुदा
मेरे कदमों में नश्तर कई मंज़िलें
ज़िक्र तेरा है राहों पे वाह रे खुदा
क़ातिल तेरी तक़सीर में क्या क्या रहा
सच है देखो खुदी को मिटाते खुदा
~ सूफी बेनाम
रश्क़ - envy/ hatred, नख़वत - haughtiness/ pride, असीरी - imprisonment/ captivity, नश्तर - lancet/ trocar, तक़सीर - sin/ crime.
Can be sung as हाल क्या है दिलों का न पूछो सनम
ना ही इंसा को मिलते हमारे खुदा
रश्क़ इंसा को इंसा से इस-कदर रही
कि सूझा नहीं कैसे गुज़ारे खुदा
रईसों की नख़वत में उतनी ही थी
जितनी गरीबी असीरी बसारे खुदा
तेरे दिल के दरीचे पे टूटे सनम
प्याले मिट्टी थे ऐ कुम्हार-ए खुदा
मेरे कदमों में नश्तर कई मंज़िलें
ज़िक्र तेरा है राहों पे वाह रे खुदा
क़ातिल तेरी तक़सीर में क्या क्या रहा
सच है देखो खुदी को मिटाते खुदा
~ सूफी बेनाम
रश्क़ - envy/ hatred, नख़वत - haughtiness/ pride, असीरी - imprisonment/ captivity, नश्तर - lancet/ trocar, तक़सीर - sin/ crime.
Can be sung as हाल क्या है दिलों का न पूछो सनम
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