लिपट अपने सायों से चादर सोते हैं कलन्दर सभी
सपनों की खासियत सर्द में बेताब हैं बेघर सभी
कैफियत हवस इंसान की रही है सलाहियत तभी
जब तलक उम्मीद से आसरे हों कोई बेहतर तभी
स्वप्न या कोरी हकीक़त ये पहचान पाते हैं तभी
उठ खुद जब महसूस करते हैं सांसें औ चादर सभी
ये सियासत दिन की थी या रातों की मासूमियत
अपनी पहचान को हैं साहिल कभी समुन्दर सभी
सूफियत में महफूज़ हैं दीन उम्मीद उजाले सभी
बेनाम तम की ताबीर में रह जाते मुक़द्दर सभी
~ सूफी बेनाम
कैफियत - engrossment, सलाहियत - ability, कलन्दर - sufi . दीन - faith, ताबीर - interpretation.
सपनों की खासियत सर्द में बेताब हैं बेघर सभी
कैफियत हवस इंसान की रही है सलाहियत तभी
जब तलक उम्मीद से आसरे हों कोई बेहतर तभी
स्वप्न या कोरी हकीक़त ये पहचान पाते हैं तभी
उठ खुद जब महसूस करते हैं सांसें औ चादर सभी
ये सियासत दिन की थी या रातों की मासूमियत
अपनी पहचान को हैं साहिल कभी समुन्दर सभी
सूफियत में महफूज़ हैं दीन उम्मीद उजाले सभी
बेनाम तम की ताबीर में रह जाते मुक़द्दर सभी
~ सूफी बेनाम
कैफियत - engrossment, सलाहियत - ability, कलन्दर - sufi . दीन - faith, ताबीर - interpretation.
No comments:
Post a Comment
Please leave comments after you read my work. It helps.