Friday, December 30, 2016

दिल फ़रेब उम्र पैतालीस की

बड़ा ही जीवट वो
एक नन्हा बच्चा
जिसको सज़ा-ए-नीलडाउन में
नाचते हुए देख कर
हम अपने भीतर के
निःस्तब्ध बचपन को
खंरोचते थे
चाहते थे कि
कहीं तो मेरे अंदर
कुछ हलचल हो
और उस सा चंचल
हो जाऊं
मेरा दोस्त था वो


एक नन्हा बच्चा
जिसे मैं बचपन से जानता था
जीवन की दिल फरेबी से
उम्र पैतालिस में
उसी क़ुएसचन- पेपर
की तरह रुस के वैसे ही
जा छुपा है जैसे
बचपन में बेजवाब सवालों
से लदे प्रशन पत्र
हमारी नासमझी
हमारी नक़ाबीलियत का प्रमाण
रिपोर्ट कार्ड में
खोल खोल देते थे।
मेरा दोस्त था वो .................


~ सूफ़ी बेनाम

नीलडाउन - kneel-down ; 

Remembering Anil Bhatia ( a class mate from St. Aloysius), who left us all of a sudden, unannounced at 45. 





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