वस्ल लब पे सजा बेखुदी के लिए
रात बेताब थी उस नमी के लिए
देवता बरहमन ज़ात वाले सभी
इश्क़ के अर्श में इक सदी के लिए
दिलशिकन आशना हमसुख़न रह गुज़र
प्यार कर ज़िन्दगी है इसी के लिए
तीरगी बेसुधी हुस्न आगोश हो
लाज़मी ये रहा सादगी के लिए
कमसिना दर्द देता है आवारगी
ख्वाब टूटा मगर रौशनी के लिए
मुद्दई आशिक़ी हुस्न के बुलबुले
कारवां बेखबर आदमी के लिए
ले शिकायत चलें हसरतें प्यार में
सूफ़ियत है नहीं नाज़नी के लिए
~ सूफ़ी बेनाम
वज़्न - 212 212 212 212
रात बेताब थी उस नमी के लिए
देवता बरहमन ज़ात वाले सभी
इश्क़ के अर्श में इक सदी के लिए
दिलशिकन आशना हमसुख़न रह गुज़र
प्यार कर ज़िन्दगी है इसी के लिए
तीरगी बेसुधी हुस्न आगोश हो
लाज़मी ये रहा सादगी के लिए
कमसिना दर्द देता है आवारगी
ख्वाब टूटा मगर रौशनी के लिए
मुद्दई आशिक़ी हुस्न के बुलबुले
कारवां बेखबर आदमी के लिए
ले शिकायत चलें हसरतें प्यार में
सूफ़ियत है नहीं नाज़नी के लिए
~ सूफ़ी बेनाम
वज़्न - 212 212 212 212
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