नैनन में काजर की लर है ,
झलक अश्रु अनन्ता की,
लट में उलझी खींचती है ,
गुंजलक बुनदे कर्णों की,
पायल थिरकन को बेरी है,
फलक घुँघरू श्यामा की
मेहंदी गजरा में महकी है,
मसलक मेरे कान्हा की
बाहर देखो साँझ लगी है
लखत बाती गोपाला की
सखी मोहे को खोजत है
पलक व्याकुल मोहना की
बेरी - बेड़ी (metal chains), गुंजलक- crease, complication, मसलक - path, ideology, लखत - bit/portion, पलक - eye-lid.
झलक अश्रु अनन्ता की,
लट में उलझी खींचती है ,
गुंजलक बुनदे कर्णों की,
पायल थिरकन को बेरी है,
फलक घुँघरू श्यामा की
मेहंदी गजरा में महकी है,
मसलक मेरे कान्हा की
बाहर देखो साँझ लगी है
लखत बाती गोपाला की
सखी मोहे को खोजत है
पलक व्याकुल मोहना की
बेरी - बेड़ी (metal chains), गुंजलक- crease, complication, मसलक - path, ideology, लखत - bit/portion, पलक - eye-lid.
उम्दा 👌🏻
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