ना-मुक़ाम कर गये बंजारा जैसे
बदल-ओ-अस्ल हो आवारा जैसे
हकीकत-ए-अब्दल हो रही रवाँ
शिफ़ा-ए-याद हो सहारा जैसे
अथक सांसें सुना रही दास्तां
रिश्ता-ए-ज़रुरत हो गंवारा जैसे
खुश्क ओंठों का बढ़ रहा रूमान
आब-ए-चश्म ही हो किनारा जैसे
लम्हा-ए-उलझन सांसें गुमां
उल्फ़त-ए-महक अंगारा जैसे
जिस्म-बेकाबू दीद-ए-याद जवाँ
भँवर-ए-अख़्तर कहीं शरारा जैसे
निगाह-ए-तलाश आफ़त मेहरबाँ
ज़िक्र-ए-बेनाम, बेज़ुबाँ नज़ारा कैसे
~ सूफी बेनाम
बदल-ओ-अस्ल हो आवारा जैसे
हकीकत-ए-अब्दल हो रही रवाँ
शिफ़ा-ए-याद हो सहारा जैसे
अथक सांसें सुना रही दास्तां
रिश्ता-ए-ज़रुरत हो गंवारा जैसे
खुश्क ओंठों का बढ़ रहा रूमान
आब-ए-चश्म ही हो किनारा जैसे
लम्हा-ए-उलझन सांसें गुमां
उल्फ़त-ए-महक अंगारा जैसे
जिस्म-बेकाबू दीद-ए-याद जवाँ
भँवर-ए-अख़्तर कहीं शरारा जैसे
निगाह-ए-तलाश आफ़त मेहरबाँ
ज़िक्र-ए-बेनाम, बेज़ुबाँ नज़ारा कैसे
~ सूफी बेनाम
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