खुद ही तो नहीं बे-लगाम कोई अदना,
करीबी यहाँ तक पहुंचा गया है कोई।
खलिश-ए-तासीर बुझी मंद रगों का
दिलासा-ए-दावार मिटा गया है कोई।
खुद ही है कातिब, राह-ए-ख़ुलूस का,
हो अंजाम कुछ भी, बेपरवाह है कोई।
खुद ही तो नहीं बे-लगाम कोई अदना,
बेनाम यहाँ तक पहुंचा गया है कोई।
~ सूफी बेनाम
दावार - justice ; कातिब - scribe; अदना - insignificant ; ख़ुलूस - purity; बेनाम - nameless and worthless.
करीबी यहाँ तक पहुंचा गया है कोई।
खलिश-ए-तासीर बुझी मंद रगों का
दिलासा-ए-दावार मिटा गया है कोई।
खुद ही है कातिब, राह-ए-ख़ुलूस का,
हो अंजाम कुछ भी, बेपरवाह है कोई।
खुद ही तो नहीं बे-लगाम कोई अदना,
बेनाम यहाँ तक पहुंचा गया है कोई।
~ सूफी बेनाम
दावार - justice ; कातिब - scribe; अदना - insignificant ; ख़ुलूस - purity; बेनाम - nameless and worthless.
No comments:
Post a Comment
Please leave comments after you read my work. It helps.