तुमको तहरीर में
जी लेने का हौसला मेरा
ज़िन्दगी लिख के बिता लेने का
फ़लसफ़ा मेरा
वो जो बेनाम रहा, गुम रहा
मुद्दतों की कालिख में,
उसे अल्फ़ाज़ों में
तराशने का फैसला मेरा।
~ सूफी बेनाम
No comments:
Post a Comment
Please leave comments after you read my work. It helps.
No comments:
Post a Comment
Please leave comments after you read my work. It helps.