Monday, January 19, 2015
Sunday, January 18, 2015
Sunday, January 4, 2015
........... नाम लिखा देखा है
........... नाम लिखा देखा है
एक ग़ज़ल की किताब पे
तुम्हारा नाम लिखा देखा है
न सही ज़िन्दगी के दरमियान
पर तुम्हारा ख़्वाब खिला देखा है।
बहुत हैं वाक़ियाँ छुपे ढके
इन कागज़ों के गिलाफ़ में
शायद सांसो से थमा नहीं
जो कई महफ़िलों का नसीब था।
होंगे कोरेपन पे गुंथे हुए
हसरतों के कारवां
थोड़ी अनसुनी, बेनियाज़ सी
तेरी ज़िन्दगी की दास्तां।
~ सूफी बेनाम
बेनियाज़ - carefree,
( I wrote this after reading the some works and life of Parveen Shakir)
एक ग़ज़ल की किताब पे
तुम्हारा नाम लिखा देखा है
न सही ज़िन्दगी के दरमियान
पर तुम्हारा ख़्वाब खिला देखा है।
बहुत हैं वाक़ियाँ छुपे ढके
इन कागज़ों के गिलाफ़ में
शायद सांसो से थमा नहीं
जो कई महफ़िलों का नसीब था।
होंगे कोरेपन पे गुंथे हुए
हसरतों के कारवां
थोड़ी अनसुनी, बेनियाज़ सी
तेरी ज़िन्दगी की दास्तां।
~ सूफी बेनाम
बेनियाज़ - carefree,
( I wrote this after reading the some works and life of Parveen Shakir)
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