Wednesday, October 22, 2014
अंगूर के दाने
अंगूर के आकर्षक रंग-बिरंगे दाने
बेस्वाद सी बाहरी खाल में दबी
ग़ज़ब सी मिठास-भरा रसीला गूदा
दांत से दबाया तो रस ही रस था।
थोड़ा और चबाया, चखा तो
ज़ायके की खोज बीज तक पहुंची
बीज था बेस्वाद सा
या मैं सवाब नहीं समझ पाया।
~ सूफी बेनाम
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